अल्पकालीन फसली ऋण का केआरपी पोर्टल पर डेटा ऑनलाइन करने की गति धीमी, अब 3 दिन में 50 हजार किसानों का डेटा अपलोड करना होगा
पूरा डेटा अपलोड नहीं होने से सहकारी बैंक, समितियों एवं किसानों को होगा नुकसान
श्रीगंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंकों की ओर से ग्राम सेवा सहकारी समितियों के जरिए किसानों को वितरित किए जाने वाले ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण पर भारत सरकार की ओर से देय 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान और ब्याज सहायता का डेटा पोर्टल पर अपलोड करने की धीमी गति के चलते इसके लिए पूर्व में तय समय सीमा को कुछ दिन बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद समय सीमा कम
होने के कारण श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ जिले में संचालित समितियों का पूरा डेटा अपलोड होने की उम्मीद कम है। दी गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ जिलों में 22 शाखाओं के अधीन संचालित 336 समितियों का अभी तक 50 प्रतिशत डेटा ही उपलोड हो पाया है जबकि शेष 50 हजार से अधिक किसानों का डेटा ऑनलाइन करने के लिए अब तीन दिन ही शेष रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से गत दिनों इस संबंध में एक पत्र जारी करते हुए सहकारी बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए स्पष्ट किया गया है कि अल्पकालीन फसली ऋण की एवज में भारत सरकार की ओर से देय ब्याज अनुदान एवं ब्याज सहायता के लिए लाभान्वित किसानों का किसान ऋण पोर्टल (केआरपी) पर डेटा अपलोड करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 21 सितंबर 2024 कर दिया गया है। पूर्व में यह 15 सितंबर तक निर्धारित थी। उल्लेखनीय है कि किसानों को दिए जाने वाले ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरण की एवज में भारत सरकार से 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं इसके अतिरिक्त ब्याज सहायता प्रदान की जाती है।
समितियों से होगी अनक्लेम्ड ब्याज
अनुदान की वसूलीः जीकेएसबी के वरिष्ठ प्रबंधक ऋण दर्शन कुमार ने बताया कि श्रीगंगानगर व अनूपगढ़ जिले में 336 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के जरिए 1 लाख 8 हजार 295 सदस्यों को 500 करोड़ रुपए से अधिक का फसली ऋण वितरण किया जाता है, जिसके 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान क्लेम की राशि 7 करोड़ 33 लाख रुपए से अधिक बनती है। यदि सोसायटी 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान क्लेम का डेटा अपलोड नहीं करती है तो सीधे रूप में नुकसान भी सोसायटी को ही होगा।